अमेरिकी कॉन्टीनेंट के देश मेक्सिको को अपना नया राष्ट्रपति एक सशक्त महिसा के रूप में मिला है। क्लाउडिया शीनबाम ने देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है। जिसके बाद अब वो मेक्सिको देश की 66वीं प्रेसिडेंट बन गईं हैं । मेक्सिको इस वक्त आपराधिक हिंसा से घिरा हुआ है, इसलिए क्लॉडिया का राष्ट्रपति बनना काफी अहम माना जा रहा है। राष्ट्रपति क्लॉडिया ने शपथ लेने के बाद देश को संबोधित करते हुए यह कहा कि वे देश में बढ़ती हिंसा और अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए हर प्रयास करेंगी और ‘सामाजिक नीति’ का इस्तेमाल करेंगी।
राष्ट्रपति बनने वाली यहूदी विरासत की पहली व्यक्ति
एक मैक्सिकन राजनीतिज्ञ, वैज्ञानिक और शिक्षाविद हैं, जो 2024 से मैक्सिको के 66वें और वर्तमान राष्ट्रपति के रूप में सेवारत हैं , वे इस पद को संभालने वाली पहली महिला और मुख्य रूप से यहूदी विरासत की पहली व्यक्ति बन गई हैं। उन्होंने पहले 2018 से 2023 तक मैक्सिको सिटी की सरकार के प्रमुख के रूप में कार्य किया ।
राजनीति में आने से पहले क्या करती थीं क्लॉडिया
क्लाउडिया शीनबाम पार्डो का जन्म 24 जून 1962 को मेक्सिको सिटी में एक मैक्सिकन यहूदी परिवार में हुआ था।शीनबाम ने नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेक्सिको में भौतिकी का अध्ययन किया , जहाँ उन्होंने 1989 में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने 1994 में मास्टर डिग्री और 1995 में ऊर्जा इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की ।
शीनबाम ने 1991 और 1994 के बीच कैलिफोर्निया में लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी में अपनी पीएचडी थीसिस के लिए काम पूरा किया। लैब के लिए काम करते हुए, उन्होंने मैक्सिकन परिवहन क्षेत्र में ऊर्जा के उपयोग का विश्लेषण किया और मैक्सिकन भवन ऊर्जा उपयोग के रुझानों पर अध्ययन प्रकाशित किए।
राष्ट्रपति बनने से पहले मेक्सिको की मेयर रह चुकी हैं। 62 वर्षीय साइंटिस्ट क्लॉडिया शीनबाम ने छह साल के कार्यकाल के लिए कांग्रेस सदन में राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की।
शीनबाम यहूदी पृष्ठभूमि की पहली राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद उनके लिए देश में व्याप्त हिंसा, माफिया और ड्रग कार्टेल से निपटना बड़ी चुनौती होगा।
राष्ट्रपति बनने के बाद उनका पहला दौरा अकापुल्को के बीचेस पर होगा, जो हाल में आई बाढ़ से तबाह हो गया था। वे देश की अर्थव्यवस्था की समस्याओं को भी गंभीरता से देखती हैं। साथ ही शीनबाम एक स्व-वर्णित नारीवादी हैं , जो अपने विश्वासों और कार्यों को लैंगिक समानता और महिला अधिकारों के सिद्धांतों के साथ जोड़ती हैं।