14 जुलाई दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर इसरो ने चंद्रयान 3 को लॉन्च किया था। ये वो मिशन के जिसके पूरे होने की आस हर भारतीय के मन में है। लगातार चंद्रयान पृथ्वी से दूर होता जा रहा है और अपने लक्ष्य चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है। इसरो हर हरकत की जानकारी भी जरूर दे रहा है।इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी की ऑर्बिट से चांद की तरफ भेजा। इसे ट्रांसलूनर इंजेक्शन यानी TLI कहा जाता है। इससे पहले चंद्रयान ऐसी elliptical orbit में घूम रहा था, जिसकी पृथ्वी से सबसे कम दूरी 236 km और सबसे ज्यादा दूरी 1,27,603 km थी। अब 5 अगस्त को ये चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचेगा और 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करेगा। जिसकी जानकारी इसरो ने दी है। इसरो ने बताया कि ISTRAC यानी ISRO Telemetry, Tracking and Command Network से सफलतापूर्वक पेरिजी फायरिंग की गई। जिसके बाद अंतरिक्षयान ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है। और इसका अगला कदम चांद है। पांच अगस्त को चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान चांद की ऑर्बिट में प्रवेश करेगा। इसके बाद 16 अगस्त तक अंतरिक्षयान चांद की ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा। 17 अगस्त को चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर अलग होगा। 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर लैंडिंग करनी है। चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां एक्सपेरिमेंट्स करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स के बारे में रिसर्च करेगा। इस मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी के बारे में भी स्टडी करेगा। इस मिशन के जरिए भारत दुनिया को बताना चाहता है कि उसके पास चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को वहां चलाने की काबिलियत है। इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ेगा जो कॉमर्शियल बिजनेस बढ़ाने में मदद करेगा। भारत ने अपने हेवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM3-M4 से चंद्रयान को लॉन्च किया है। इस व्हीकल की काबिलियत भारत पहले ही दुनिया को दिखा चुका है। भारत चांद पर अपने स्पेसक्राफ्ट की सॉफ्ट लैंडिक करा कर खुद को प्रमुख अंतरिक्ष महाशक्ति बनाना चाहता है। 2019 में भारत ने चंद्रयान 2 मिशन लॉन्च किया था। लेकिन लैंडिंग के समय इसका संपर्क टूट गया था। लेकिन अगर इस बार भारत का चंद्रयान 3 सफल हुआ तो भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। लेकिन भारत का यह मिशन सिर्फ लैंडिंग तक ही खास नहीं है। बल्कि लैंडिंग की जगह भी बेहद महत्वपूर्ण है।भारत चंद्रयान 3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब पर उतारना चाहता है। ऐसा करने वाला वह पहला देश होगा। दक्षिणी ध्रुव पर अभी कोई खास खोज नहीं हुई है।
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The spacecraft is expected to attain an orbit of 127609 km x 236 km. The achieved orbit will be confirmed after the observations.
The next firing, the TransLunar Injection (TLI), is planned for August 1, 2023, between 12 midnight and 1 am IST.
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