कुछ समय पहले तक कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को घुटनों पर लाकर रख दिया था। आम जन जीवन समेत हर चीज थम गई थी। हम अब तक ढंग से इस महामारी से उभर भी नहीं पाए थे कि एक और मुसीबत ने हमारे दरवाज़े पर दस्तक दे दी है। जी हां, कोरोना की तरह ही एक और वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। उसका नाम है मंकी पॉक्स। मंकी पॉक्स के संक्रमण की सीरियसनेस देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसे लेकर एमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। सेंट्रल और ईस्टर्न अफ्रीका से शुरू हुए इस संक्रमण के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं।
मंकीपॉक्स वायरस या जूनॉटिक वायरस से फैलने वाला ये संक्रमण चेचक जैसा ही है और ये जानवरों से इंसानों में फैलता है। इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद यह वायरस अपने असली रंग में आ जाता है और तेजी से फैलने लगता है।
कहां से शुरू हुई इस वायरस की कहानी
एमपॉक्स मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में स्थानिक है, जहां जानवरों में मुख्य रूप से ये वायरस पाया जाता है। इस वायरस के संक्रमण के पहले ह्यूमन केस का ट्रीटमेंट 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बासनकुसु में किया गया था। तब से इस वायरस के प्रकोप की गंभीरता में काफी बढ़ावा हुआ है। 2022 में इसका एक और केस सामने आया जिसके बाद जुलाई 2022 में, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने एमरजेंसी घोषित की थी। मगर जब स्थिति सामान्य हुई तो WHO ने मई 2023 में एमरजेंसी हटा दी। अगस्त 2024 तक, यह कई अफ्रीकी देशों में फैल गया था, जिससे चिंता बढ़ गई थी। 14 अगस्त 2024 को, WHO ने इस प्रकोप को PHEIC घोषित किया। जनवरी 2022 से अगस्त 2024 के बीच 120 से अधिक देशों ने एमपॉक्स की सूचना दी है, जिसमें 100000 से ज्यादा लेबोरेटरीज में केसेज की पुष्टि की गई है और इनमें 220 से अधिक मौतें हुई हैं।
एमपॉक्स से संक्रमित होने पर ये लक्षण नजर आते हैं
एमपॉक्स से संक्रमित होने पर सबसे पहले बुखार आता है और पूरे शरीर में रैशेज पड़ने लगते हैं। इनमें खुजली और दर्द होता है। इसके अलावा बुखार, सिरदर्द, मांस पेशियों में दर्द हो जाता है। आम तौर पर यह खुद ही ठीक होता है, और इसका डेथ रेट काफी कम है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के मुताबिक इस वायरस के संक्रमण में आने के 21 दिन बाद तक लक्षण सामने आ सकते हैं, 14 से 21 दिन तक ये रहता है। इसके बाद यह खुद ही ठीक होता है।
कैसे फैलता है ये वायरस
मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। आंख, नाक और मुंह के माध्यम से यह वायरस इंसान के शरीर में घुसता है। इसके अलावा चूहा, गिलहरी और बंदर के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है।
इससे पहले अफ़्रीका के सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस आउटब्रेक को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था, ये कहकर कि मंकी पॉक्स पिछली बार से ज़्यादा चिंताजनक है क्योंकि इसका नया वैरिएंट ज़्यादा घातक है। हाल ही में केंद्र सरकार ने दुनिया में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच देश के सभी एयरपोर्ट के साथ साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगे हुए बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया है। फिलहाल भारत में एमपॉक्स के 23 मामले सामने आए हैं।