मुख्य रूप से अपनी विल्डलाइफ के लिए फेमस अफ्रीकी देश नामीबिया अब अपने वन्य जीव को खत्म करने जा रहा है। जी हां आपने सही सुना, भयानक सूखे की मार झेल रहे इस अफ्रीकी देश ने ये फैसला लिया है। इस सूखे ने देश के लगभग 84 प्रतिशत खाद्य भंडार को खत्म कर दिया है। जिस कारण नामीबिया के 2.5 मिलियन की मौजूदा पॉपुलेशन में से लगभग आधे लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है और उनके सामने खाने का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। इन्हीं सब मुसीबतों से निपटने के लिए नामीबियाई सरकार ने अपने नेचुरल रिसोर्सेस मुख्य रूप से वन्य जीव का सहारा लेने का सोचा है। दरअसल वहां की सरकार ने अपने लोगों को मीट उपलब्ध कराने के लिए कई हाथियों और दरियाई घोड़ों सहित 700 से ज़्यादा जंगली जानवरों को मारकर लोगों को उनका मांस उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
अफ्रीकी देश नामीबिया जो अपने समृद्ध वन्य जीव और लैंडस्केप के लिए जाना जाता है, सदी के सबसे भयानक सूखे का सामना कर रहा है. सूखे ने देश के लगभग 84 प्रतिशत खाद्य भंडार को नष्ट कर दिया है, जिससे नामीबिया के 2.5 मिलियन आबादी में से लगभग आधे लोगों के सामने भोजन का गंभीर संकट उत्पन्न हो…
— BHARAT SAMVAD (@Bhaaratsamvad) September 2, 2024
किन जानवरों को मारकर लोगों को मांस उपलब्ध कराया जाएगा
नामीबिया में कुल 723 जानवरों को मारा जायेगा। इनमें 100 ब्लू वाइल्ड बीस्ट, 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंस, 100 एलैंड्स, 50 इम्पाला, 300 जेबरा और 83 हाथी मारे जायेंगे। बता दें, 150 से ज़्यादा जानवरों को पहले ही मारा जा चुका है। और इनसे लगभग 63 टन मांस जहां सूखा पड़ा है उन इलाकों में भेजा गया है। नामीबिया के वन, पर्यावरण एवं पर्यटन मंत्रालय ने एक प्रेस वार्ता में 26 अगस्त को कहा था कि, ‘इस परिस्थिति में यह कदम उठाना जरूरी है और हमारे संविधान के अनुरूप है। हमारे यहां नेचुरल रिसोर्सेस का उपयोग नामीबियाई लोगों के लाभ के लिए किया जाता है.’
आखिर क्यों नामीबिया झेल रहा है सूखा
नामीबिया में इस भयंकर की स्थिति पहली बार नहीं हुई है, जब इसकी वजह से क्षेत्र को परेशानी का सामना करना पड़ा हो। साल 2013, 2016 और 2019 में भयानक सूखे की वजह से हालात खराब हो चुके हैं जिस कारण यहां नेशनल इमरजेंसी की घोषणा की जा चुकी है। इस क्षेत्र में ये परिस्थिति मुख्य रूप से अल नीनो के कारण और खराब हुई है। दरअसल अब करीब सात साल बाद 2023 में अल नीनो ने इस देश में वापसी की है, जिससे पूरे क्षेत्र में तापमान औसत से ज़्यादा हुआ और बारिश कम हुई। इसके प्रभाव से ही मिट्टी में नमी खत्म हो गई और पेड़-पौधे सूखने लगे।
क्या जानवरों को मारने से हल निकलेगा?
नामीबियाई सरकार को ये डर है कि देश में पड़ रहे सूखे की वजह से जानवरों को खाने और पानी की तलाश में पलायन करना होगा, और इससे वे मानव आबादी के लिए खतरा बन सकते हैं। देश में 24,000 हाथियों सहित जंगली जानवरों की एक बड़ी संख्या है, जिन्हें संभालना काफी मुश्किल होगा।