1901 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ़्रीका से कोलकाता के कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जहां शिविर में सफाई की हालत देखकर उन्हें अजीब अनुभव हुआ। गांधी जी से ये बर्दाश्त नहीं हुआ, उन्होंने तुरंत अधिवेशन में सहयोगी स्वयंसेवकों से इस बारे में बात की, जिसपर स्वयंसेवको ने कहा कि ‘यह हमारा काम नहीं है, यह सफाईकर्मी का काम है’। यह सुनत ही बापू झाड़ू लेकर गंदगी साफ करने में जुट गये।
उन्होंने विचार दिया- स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी स्वच्छता है।
2014 में शुरू हुआ स्वच्छता का अभियान
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से शौचालय क्रांति की बात कही थी। गांधी जयंती पर दो अक्तूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फावड़ा और झाड़ू उठा लिया, और इसके साथ देश के सामने एक नया अभियान आया- ‘स्वच्छ भारत अभियान’।
पूरे हुए स्वच्छ अभियान के 10 साल
स्वच्छ भारत अभियान के एक दशक पूरे हो चुके हैं। इन दस सालों में स्वच्छता के मोर्चे पर देश ने बहुत कुछ हासिल किया है। बदलाव की बात करें तो…स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने से पहले होता यह था कि हर जगह झाड़ू लगती तो थी, लेकिन कूड़ा गली में या सड़क किनारे पर फेंक दिया जाता था। प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के शुरू करने के बाद इसमें काफ़ी बड़ा बदलाव आया है। बीते दस सालों में सार्वजनिक स्वच्छता की जरूरत सभी को समझ आई है। आज की पीढ़ी के बच्चे तो अब बड़ों को सार्वजनिक गंदगी के लिए टोक देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ने बनाया अभियान को सफल
स्वच्छता अभियान के सफल होने का श्रेय पीएम मोदी को दिया जाता है । अब भारत में बारह करोड़ घरों में शौचालय बन चुके हैं, इन दस सालों में खुले में शौच की कुप्रथा तकरीबन खत्म हो गयी है। स्वच्छता खाने पीने की चीजों में भी आई है। हर घर नल जल योजना को भी स्वच्छ भारत अभियान से जोड़ सकते हैं, जिसके जरिए पाइप से स्वच्छ पानी की आपूर्ति की दस सालों में 16% से बढ़कर 78 % हो गयी है। धुएं के प्रदूषण से बचने के लिए उज्ज्वला योजना शुरू हुई। जिसके तहत 11 करोड़ घरों में रसोई गैस का कनेक्शन पहुंच चुका है।
स्वच्छ भारत अभियान का विचार भारत को एक स्वच्छ और स्वस्थ देश बनाने के लिए आया था। खुले में शौच की समस्या भारत में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। इससे कई बीमारियां फैलती हैं और बच्चों की मृत्यु दर भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, खुले में शौच से पर्यावरण प्रदूषण भी होता है।
कई समस्याओं का समाधान निकला
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य इन समस्याओं का समाधान करना है। इस अभियान के तहत सरकार ने शौचालय निर्माण के लिए धन आवंटित किया है और लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। अभियान का मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय उपलब्ध हों और लोग खुले में शौच जाने की आदत छोड़ दें।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत अब तक कई उपलब्धियां हासिल की गई हैं। देश के कई राज्यों ने खुले में शौच मुक्त घोषित किया है। इसके अलावा, सरकार ने शौचालय निर्माण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के तहत लाखों शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय आंदोलन है जिसका उद्देश्य भारत को एक स्वच्छ और स्वस्थ देश बनाना है। अभियान के तहत सरकार और लोगों के सहयोग से कई उपलब्धियां हासिल की गई हैं। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं। इन चुनौतियों का सामना करते हुए भारत को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।