देश के उच्च न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 2 सितंबर को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136 ए को लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत तेज स्पीड से चलने वाले वाहनों की इलेक्ट्रानिक या कह लीजिए कैमरे के जरिए निगरानी की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका मुख्य मकसद हाईवे और शहर की सड़कों पर और अधिक सुरक्षा को बढ़ाना।
राज्यों को 6 दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट को कराना होगा अवगत
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जार्ज की बेंच ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, समेत कुछ राज्यों को मोटर व्हीकल एक्ट के रूल 167ए के साथ ही धारा 136ए के अनुपालन के लिए उठाए गए कदमों से न्यायालय को 6 दिसंबर तक वाकिफ कराने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए
इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश चालान जारी करने के लिए इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज के उपयोग के बारे में डिसीजन लेने के बाद यह सुनिश्चित करेंगे कि मोटर व्हीकल एक्ट के प्रोविजन के उल्लंघन के लिए जुर्माना इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज के फुटेज के आधार पर लगाया जाए।
कम से कम दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों को शामिल किया जाएगा
राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि राष्ट्रीय और राज्य हाईवे पर हाई रिस्क और ज़्यादा आबादी वाली जगहों के साथ साथ और मुख्य चौराहों पर इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगाए जाएं। कोर्ट ने ये भी कहा है कि इसमें कम से कम दस लाख से अधिक आबादी वाले मुख्य शहरों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय का ये निर्देश 2012 में दायर एक जनहित याचिका के जवाब में आया है, जिसमें पूरे देश में सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने की मांग की गई थी।