शहद, प्राकृतिक मिठास का एक स्रोत होने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभों से भी जुड़ा हुआ है। हालांकि, एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए शहद खतरनाक हो सकता है।
शिशु बोटुलिज़्म का खतरा
एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए शहद का सबसे बड़ा खतरा शिशु बोटुलिज़्म है। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है जो क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बैक्टीरिया के बीजाणु मिट्टी, पानी और शहद में पाए जाते हैं।
एक स्वस्थ वयस्क के पाचन तंत्र में यह बैक्टीरिया पनप नहीं पाता है, लेकिन एक शिशु के अपरिपक्व पाचन तंत्र में ये बीजाणु सक्रिय हो सकते हैं। सक्रिय होने पर ये बैक्टीरिया एक विषाक्त पदार्थ पैदा करते हैं जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
शिशु बोटुलिज़्म के लक्षण
शिशु बोटुलिज़्म के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं:
* कब्ज
* कमजोर रोना
* थकावट
* खाने और पीने में कठिनाई
* मांसपेशियों की कमजोरी
* सिर का लटकना
* सांस लेने में कठिनाई
यदि आपको अपने बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
शिशु बोटुलिज़्म का इलाज
शिशु बोटुलिज़्म का इलाज अस्पताल में किया जाता है। उपचार में आमतौर पर एंटीटॉक्सिन का इंजेक्शन शामिल होता है, जो विषाक्त पदार्थ को बेअसर करता है। कुछ मामलों में, बच्चे को सांस लेने में मदद करने के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता हो सकती है।
शिशु बोटुलिज़्म से बचाव
शिशु बोटुलिज़्म से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद न दिया जाए। इसमें शहद के साथ बने खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं, जैसे कि मिश्री या शहद के साथ मीठा किया हुआ दूध।
शहद के अलावा, कुछ अन्य खाद्य पदार्थ भी हैं जिनसे एक साल से कम उम्र के बच्चों को दूर रखना चाहिए:
* मूंगफली का मक्खन
* कच्चा अंडा
* कच्चा मांस या समुद्री भोजन
* कच्ची सब्जियां
* कुछ प्रकार के नट्स
एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए शहद खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमें शिशु बोटुलिज़्म का खतरा होता है। इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए, एक साल की उम्र तक अपने बच्चे को शहद देने से बचें। यदि आपको अपने बच्चे में शिशु बोटुलिज़्म के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।